The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
इस साधना के जरिये हम शक्तिशाली मोहिनी वशीकरण का प्रभाव पैदा कर सकते है.
तुलसी बीजों को सहदेई के रस में पीस करके उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके तिलक लगाने से समस्त लोग सम्मोहित होते हैं।
विधि: शनिवार की रात को भैरव देव की पूजा करके उक्त मन्त्र से गुड़ को इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिसे भी खिलाया जायेगा, वही साधक के वश में हो जायेगा।
तेल-तेल महातेल! दूखूं री मोहिनी तेरा खेल!!
कुछ लोगों को वशीकरण मंत्र का उपयोग करके अच्छे परिणाम मिलते हैं, जबकि दूसरे लोगों को इसका कोई प्रभाव नहीं दिखता है। इसलिए, यह अहम है कि आप वशीकरण मंत्र का सही ढंग से उपयोग करें और अनुभवी व्यक्ति की मदद लें, यदि आवश्यक होवशीकरण मंत्र का खतरा
करोमि दर्शनं देव्याः, सर्व-कामार्थ सिद्धये।
समय चुनें: मंत्र का उच्चारण करने के लिए शुभ समय चुनें, जैसे ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय के आसपास), पूर्णिमा या अमावस्या के दिन, या अपनी इच्छा के अनुसार विशेष तिथि।
वशीकरण एक प्राचीन विधि है जो, यदि सही तरीके और सकारात्मक इरादे के साथ की जाए, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यह न केवल रिश्तों को सुधारने में मदद करता है, बल्कि आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ाने में भी सहायक है।
फुरो मंत्र इश्वरो वाचा बे माता की आज्ञा
विधि: किसी भी शनिवार या रविवार के दिन रात में नरसिंह भगवान का पूजन गूगल जलाकर घृत, शक्कर, पान-सुपारी अर्पित कर एक हजार आठ बार मन्त्र जप कर जप का दशांश होम करें। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर रूई में चंदन और अपामार्ग को मिलाकर बत्ती बनाकर काजल तैयार करें। उस काजल को सात बार अभिमन्त्रित कर आँखों में लगाने से सभी लोग साधक पर मोहित होते हैं।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
वशीकरण का नैतिक उपयोग इस पर निर्भर करता है कि इसे किस उद्देश्य से किया जा रहा है। जब इसका उपयोग रिश्तों को सुधारने, सकारात्मक बदलाव लाने, और जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, तो यह फायदेमंद साबित होता है। लेकिन गलत इरादों से इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है और इसे पारंपरिक शास्त्रों में निषेध किया गया है।
बार बार इसका प्रयोग न करे और जिस व्यक्ति के लिए किया है उसके अलावा किसी और के लिए इसे काम में न ले.
वशीकरण मंत्रों के नामित्व पर भी विभिन्न मत हैं। कुछ लोग उन्हें प्राकृतिक और वैज्ञानिक शक्तियों website का एक रूप मानते हैं और इनका उपयोग सावधानीपूर्वक करते हैं। वे इन मंत्रों को सिद्ध करने के विभिन्न विधानों और प्रयोगों का पालन करते हैं। दूसरे लोग इन मंत्रों को अंधविश्वास और मिथ्या मानते हैं और इनका उपयोग अनैतिक और अन्यायसंगत समझते हैं।